नई दिल्ली- भारत का फार्मा बाजार 8-10 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ते हुए 2030 तक लगभग 120-130 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है। सिर्फ सामान्य जेनरिक दवाइयों से आगे, अब complex generics, biosimilars, injectables और oncology, diabetes जैसी विशेष बीमारियों की दवाइयों में सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। चीन-निर्भरता कम करने वाली APIs और chronic diseases IYe value-पर भी added formulations ज्यादा फोकस रहेगा और भारत पहले ही दुनिया के 20 प्रतिशत जेनरिक सप्लाई करता है।
