अज्ञानी ड्रग इंस्पेक्टर लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक

अज्ञानी ड्रग इंस्पेक्टर लोगों की जिंदगी के लिए खतरनाक

 

अहमदाबाद, डा. संजय अग्रवाल । स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीते माह जनवरी में एक नोटिस प्रकाशित किया था, जिसमें ड्रग इंस्पेक्टर (मेडिकल डिवाइसेस), असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर (मेडिकल डिवाइस), डिप्टी ड्रग कंट्रोलर (मेडिकल डिवाइसेस) के लिए भर्ती नियम तैयार किए गए हैं। इसमें इंजीनियर्स और बायोटेक्नोलॉजिस्ट को आवेदन करने की अनुमति दी गई है। आश्चर्य की बात यह है कि फार्मासिस्ट को अपनी योग्यता बताने के लिए सबसे अंतिम प्राथमिकता दी गई है। गौरतलब है कि समय-समय पर फार्मासिस्ट के दवा देने की अनुमति पर उंगली उठाई जाती रही है। नई अधिसूचना से न केवल फार्मासिस्ट के पेशे का अपमान हुआ है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि सरकार द्वारा फार्मासिस्ट को अनदेखा किया गया है।

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ड्रग इंस्पेक्टर (लगभग 23) और असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर्स के पद की बहाली की है और वे सब मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं। यहां तक कि उन्हें ह्यूमैनएनाटॉमी, ह्यूमनफिजियोलॉजी, पैथोफिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, टॉक्सिकोलॉजी, ड्रग्स फार्माकोकाइनेटिक्स और फार्माकोडायनामिक्स, ड्रग्स सेफ्टी, क्लिनिकल स्टडीज, क्लीनिकल परफॉर्मेंस, प्रीक्लिनिकलसेफ्टी और टॉक्सिसिटीस्टडीज, क्वांटिटेटिव स्ट्रक्चर-एक्टिविटीरिलेशनशीपऑफड्रग्स, मेडिसिनलकेमिस्ट्री, इम्पुरिटीज़, स्टैबिलिटीस्टडीज, प्रोसेसवैलिडेशनस्टडीज़, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्केल-अप और पोस्ट-एप्रूवलचेंजेज, अच्छे मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिसेस, गुड क्लिनिकल प्रैक्टिसेस, फार्मास्युटिकल एनालिसिस, अच्छे लैबोरेटरी के प्रैक्टिसेस और ड्रग तथा डिवाइसेस संबंधी विशेष ज्ञान नहीं होता है। इंजीनियरिंग विषय के पाठ्यक्रम में इस बारे में कोई भी विषय नहीं होता है और इसलिए यह ड्रग एक्शन्स, उसके प्रभाव, नशीली दवाओं के दुरूपयोग और साइड इफेक्ट्स के बारे में कोई भी ज्ञान नहीं होता है। कहने का मतलब यह है कि यह लोग न केवल ड्रग रेगुलेटरी प्रोसेस के लिए मुश्किलें पैदा करेंगे बल्कि फार्मेसी प्रोफेशनल्स की अनुपस्थिति के कारण ड्रग रेगुलेशन्स विकलांग हो जाएंगे। यह नागरिकों के जीवन पर असर डालता है। हम किसी भी तरह इंजीनियरों को लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ खेलने की अनुमति नहीं दे सकते।

रिक्रूटमेंट रूल्स 49 से स्पष्ट है कि केवल वही व्यक्ति जो अधिनियम के तहत इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है, जिसने कानूनी तौर पर भारत में स्थापित विश्वविद्यालय से क्लीनिकल फार्माकोलॉजी या माइक्रोबायोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ फार्मेसी या फार्मास्युटिकल साइंसेज या मेडिसिन में डिग्री प्राप्त की है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें ड्रग्स एंड कॉज़्मेटिक्सएक्ट, 1940 की धारा 21 के तहत नियम 49 के अनुसार योग्यता रखने पर केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस ऑफिसर के पद के रूप में डेजिग्नेट किया जाता है। इसके अलावा, एक्ट रूल्स के अंतगर्त अब ड्रग इंस्पेक्टर (मेडिकल डिवाइस) के पोस्ट के लिए उल्लेख किया जाता है। मेडिकल डिवाइस नियमों में निर्धारित योग्यता ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के प्रावधानों और वहां के नियमों के अनुसार होनी चाहिए। यह ड्राफ्ट रिक्रूटमेंट रूल्स को बनाता है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। इंजीनियरिंग में ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों को भर्ती करने से मेडिकल डिवाइस रेगुलेशन का संपूर्ण उद्देश्य पूरा नहीं होता है, जिसके प्रकृति में बहुत विविधता है। मेडिकल डिवाइस क्षेत्र की गतिशील प्रकृति के कारण, इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) वाले व्यक्ति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। ड्राफ्ट रेगुलेशन बहुत ही आंशिक निर्णय होता है और इससे समाज को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। इस ड्राफ्ट के रेगुलेशन को रद्द करना जरूरी है। साथ ही फार्मासिस्ट के साथ सौतेले बच्चे के रूप में व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

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